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कई दर्द थे जीवन मे पहले ही पर कोरोना ने सब को पीछे छोड़ दिया ।

"संकट की इस घड़ी में ..हम दे साथ एक दूसरों का ,निभा फर्ज मानवता का.." अक्सर ऐसा कहा जाता है कि संकट घड़ी में ही मानवता पुष्पित और पल्लवित होती है. इसका जीवंत और ज्वलंत उदाहरण हम अभी 'कोरोना वायरस' नामक राक्षस के हाहाकार से देख रहे हैं. पूरे विश्व की मानवता को इस राक्षस ने  प्रभावित कर दिया है 'विश्व मानवता 'खतरे में पड़ गई है .ना कोई अमीर खतरे में ,है ना कोई गरीब खतरे में है किसी विशिष्ट जाति, समाज, समूह वर्ग का व्यक्ति खतरे में है बल्कि समग्र रूप से यदि देखा जाए वर्तमान समय में कोरोना ने डर आतंक ,और खौफ का माहौल निर्माण कर दिया है. मनुष्यता का इतिहास साक्षी है इस विश्व पटल पर  युद्ध  स्थितियों से मनुष्यता का संहार हुआ है मनुष्य जाति का जितना गौरव मय ही उतना ही कलंकित भी है .'जीवन का अंतिम और शाश्वत सत्य मृत्यु है 'यह हम सभी को पता है, परंतु इंसान ने इंसान की जिंदगी को खत्म कर दिया. यह अतीत , वर्तमान हमें चिंता करने पर मजबूर कर देता है..

अब यह वायरस मनुष्य ही मनुष्य के जीवन को मिटाने की चेष्टा में लीन है .स्वार्थी, असंवेदनशील, निर्मम तथा मशीन बनता जा रहा है. अभी इस वायरस ने दुनिया को एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है .अमीर -गरीब छोटा -बड़ा हर किसी में खौफ  नजर आ रहा है .विश्व मानवता आतंकित नजर आ रही है .यूरोप के विकसित देशों में इस वायरस ने अपना 'मृत्यु का तांडव नृत्य' मे खैर मचा राखी है और अब सभी देशों तक फैल चुका है भारत मे भी अब तक के कुल आंकड़ो  की  संख्या 31000 के पार और मृत्यु 1000 के पार को चुकी है ऐसे संकट की घड़ी में हम सभी को 'एकता' का प्रदर्शन करना होगा.. यदि इस महाकाय विशाल राक्षस को पराजित करना है तो हम सभी को शासन -प्रशासन स्वास्थ्य विभाग ओर से  उचित निर्देश दिए जा रहे हैं ..उनका हमें पालन करना ही होगा.. यदि हम ऐसा नहीं करते हैं  तब उसका खामियाजा हमें भुगतना ही पड़ेगा .और हम विश्व में आबादी की दृष्टि से नंबर दो पर हैं .चीन के बाद सबसे अधिक आबादी वाला देश हमारा है .यूरोप  के जैसे देशों में वह जिस तेजी से फैला है सारी सुविधाएं, वैज्ञानिक आविष्कार होने के बावजूद भी जिस तरह से यह देश असहाय हैं. अपने आपको इसे रोकने में असमर्थ समझ रहे हैं .इस बात से हमने सबक लेने की आवश्यकता है यदि हमने सभी भारत वासियों ने एकता का प्रदर्शन कर दिखाया तो यह राक्षस जल्द खत्म हो जाएगा . हम अति आत्मविश्वास से उसे चुनौती देंगे , घर से बाहर निकलेंगे , सामाजिक दूरी  को नहीं अपनाएंगे तो शायद वह हमें निगल लेगा.. वह दिन पर दिन विशाल होता जा रहा है. यदि उसका अंत हमें करना है तो हम सभी को घरों में बैठकर , स्वच्छता को अपनाकर ,सभी डॉक्टर, पुलिस कर्मचारी शासन -प्रशासन के द्वारा समय-समय पर दी जा रही लोक कल्याणकारी  प्रतिबंधात्मक सूचनाओं का हम सबको पूरी एकजुटता से पालन करना होगा .अभी हम लोग देख रहे हैं कि डॉक्टर ,नर्सेस ,पुलिस सफाई , कर्मचारी सभी अपनी जान जोखिम में डालकर इस राक्षस से लड़ रहे हैं. संकट बड़ा घना और गहरा है .अब दिन -रात कोरोना बाधित मरीजों की सेवा में जुटे हैं तथा वह अधिक ना फैले इसलिए जनजागृति घर-घर गांव-गांव गली-गली जाकर कर रहे हैं .चिल्ला -चिल्ला कर कह रहे हैं... हम आपके लिए लड़ रहे हैं ,आपकी सेवा में जुटे हैं ,हमें सहयोग दें, हमें सहयोग दें...!अपने घर परिवार से दूर रह कर वे त्याग ,समर्पण और निष्ठा से हम सबको इस राक्षस से बचाने की जद्दोजहद में है. सभी जनप्रतिनिधी तथा देश के  सजग प्रहरी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा प्रिंट मीडिया के  सभी पत्रकार बंधू..  देश के हर राज्य ,हर जिले, तहसील, गांव ,गली, बस्ती  टांडा घर -घर द्वार -द्वार आंगन -आंगन तक सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अलख जगाने का पवित्र कार्य कर रहे हैं इसलिए मैं समझता हूं.. कि हम सभी का कर्तव्य है अपने-आप को बचाए , हमारे अपनों को बचाए..
हर नागरिक का कर्तव्य है..
घर -परिवार के हर सदस्यों का कर्तव्य है आइए ..हम सब मिलकर' विश्व मानवता' को बचाएं ..अपनी रक्षा के साथ-साथ

हम सभी की सजगता , तत्परता  जनजागृती से  देश कोरोना वायरस से लढाई जितेगा...

Comments

Priyash_01 said…
वाह मेरी जान... यही तो मैं चाहता था।
आप बस लग जाओ... ये एकदम उम्दा है 👌👌👌
बस लिखते रहो... और हमें अपने विचारों से ओतप्रोत करते रहो।
आप सच में महान हो मेरी जान। 😊🙏
दिली शुक्रिया भाई जान आपका ❤️
आपने भी बहुत कुछ सीखाया हमें।
हर समय स्वागत है आपका मेरी जान आपका